लोकोक्तियाँ की परिभाष [ डेफिनेशन ] - लोकोक्तियाँ के अंत में ना का प्रयोग नहीं होता हैं , ग्रामीण परिवेश में प्रचलित कहानियों , जनश्रुतियों , दंतकथाओं को कम से कम शब्दों में अधिक रुचिपूर्ण ढंग से कहना ही लोकोक्ति है , लोकोक्ति हिंदी भाषा का शब्द है |
- अधजल गगरी छलकत जाय - ओछे व्यक्ति में ऐंठन रहती है
- अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता - कोई बड़ा कार्य एक आदमी के वश की बात नहीं
- अब पछताये होता क्या , चिड़िया चुग गई खेत - काम खराब हो जाने पर पछताने से क्या लाभ
- आन के धन पर विक्रम राजा - परायी संपत्ति पाने पर ऐंठन
- आधा तीतर आधा बटेर - दो कामो में एक न बन पाना
- आम के आम गुठली के दाम - दुगना फायदा उठाना
- आटे के साथ घुन भी पिसता है - अपराधी के साथ निरपराध भी दंडित होता है
- आँख का अँधा , नाम नयनसुख - गुण के विपरीत काम
- ऊँट के मुँह में जीरा - जरूरत से बहुत कम
- ऊँची दुकान , फीका पकवान - केवल बाहरी चमक दमक भीतर खोखलापन
- एक अनार सो बीमार - एक चीज के अनेक चाहनेवाले
- एक पंथ दो काज - एक साथ दो काम
- एक म्यान में दो तलवार - दो प्रतिकूल स्वभाव वाले व्यक्तियों का एक साथ निवास
- एक हाथ से ताली नहीं बजती - कोई काम एकतरफा नहीं होता
- अँधेर नगरी चौपट राजा - जैसा राजा वैसी प्रजा
- कभी गाड़ी पर नाव कभी नाव पर गाड़ी - परिस्थितियाँ बदलती रहती है
- कौवा चला हंस की चाल अपनी भी भूल गया - दूसरे की नकल करने के प्रयास में अपनी विशेषता भी गँवा देना
- कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली - दो व्यक्तियों की स्थिति में बहुत अंतर होना
- खोदा पहाड़ निकली चुहिया - अत्यधिक आशा , तुच्छ फल
- खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है - संगति का प्रभाव अवश्य पड़ता है
- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे - अपनी खीझ निकालना
- खरी मंजूरी चोखा काम - बिना कठिनाई के अच्छी आय होना
- गरजे सो बरसे नहीं - डींगबाज से कुछ नहीं होता
- गुरु गुड़ , चेला चीनी - गुरु से शिष्य का आगे बढ़ जाना
- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए - बहुत कंजूस होना
- चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात - थोड़े दिन की मौज फिर वही कष्ट
- चोर के पैर नहीं होते - पाप करने वाला डरता रहता है
- चोर की दाढ़ी में तिनका - अपराधी व्यक्ति
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